Not known Details About stri vashikaran
Wiki Article
ध्यान का मार्ग : क्रियायोग क्रियायोग के लाभ
प्रार्थना विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डल
आखिर में आपसे यही कहना चाहेंगे की बुरे कर्मो से बचें, अपना दिल साफ़ रखें, दूसरों की भलाई करें और परमात्मा से सम्बन्ध स्थापित करने की कोशिश करें.
नए आगंतुक ? पाठमाला के लिए आवेदन करें
अतः, इस कारण ईश्वर की खोज करना उचित ही है। वे सभी भक्त जो सच्चाई से उन्हें खोजते हैं वे उन्हें अवश्य प्राप्त करेंगे। जो ईश्वर को प्रेम करना चाहते हैं और उनके साम्राज्य में प्रवेश करने की लालसा रखते हैं, और जो सच्चे हृदय से उन्हें जानना चाहते हैं, वे उन्हें पा लेंगे। दिन और रात उनके लिए आपके मन में इच्छा सदा बढ़ती रहनी चाहिए। वे आपको दिए गए वचन को अनन्तता तक निभा कर आपके प्रेम का प्रत्युत्तर देंगे, और आप अन्तहीन आनन्द और सुख को जान जाएंगे। सब प्रकाश है, सब आनन्द है, सब शांति है, सब प्रेम है। वे ही सब कुछ हैं।
तो जो लोग पूछते हैं की आखिर हमें इस जीवन में क्या करना है, वो सब इन बातों का ध्यान रखें, राह से ना भटकें और दुर्गुणों से बचें. अगर जीवन मरण के चक्कर से छुटकारा पाना है तो पाप की दुनिया से बाहर निकलिए और भगवान् के सानिध्य में रहें.
मैं तो हर पल व्यस्त रहा!” परन्तु उन्हें याद ही नहीं आता कि वे किस काम में इतने व्यस्त थे।
श्रीमद्भगवद्गीता से अपनी समस्याओं का समाधान खोजें
उसके बाद आत्मा किसी दुसरे शरीर में प्रवेश करेगी, चाहे वो इंसान का हो या किसी दुसरे प्राणी का. लेकिन आपका जन्म तो फिर से हो ही गया ना.
Premier League chief govt Richard Masters had earlier spoken out in opposition to read more the implementation of an unbiased regulator, declaring in Might 2021, "I do not imagine that the independent regulator is The solution towards the dilemma. I would defend the Premier League's role as regulator of its clubs over the past thirty decades."[78]
You can find supplemental berths for the two most effective associations within the preceding period's rankings, which may cause a most of 7 groups from just one Affiliation in the Champions League.[105]
Your browser isn’t supported any more. Update it to get the best YouTube expertise and our most recent capabilities. Find out more
मैं आपको सच्चाई से बताता हूँ कि मुझे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं, मनुष्य के द्वारा नहीं, अपितु ईश्वर के द्वारा। वे हैं। वे हैं। यह उनकी चेतना है जो मेरे माध्यम से आपसे वार्त्तालाप करती है। यह उनका ही प्रेम है जिसके विषय में मैं बोलता हूँ। रोमांच पर रोमांच! मृदुल शीतल पवन की भाँति उनका प्रेम आत्मा में अनुभव होता है। दिन और रात, सप्ताह-प्रति-सप्ताह, वर्ष प्रति वर्ष, यह बढ़ता ही जाता है- आप नहीं जानते कि इसका अन्त कहाँ है। और आप में से प्रत्येक व्यक्ति इसी की खोज कर रहा है। आप सोचते हैं कि आपको मानवीय प्रेम और समृद्धि चाहिए, परन्तु इनके पीछे तो यह परमपिता ही हैं जो आपको पुकार रहे हैं। यदि आप अनुभव करें कि वे उनके सभी उपहारों से महान् हैं तो आप उन्हें प्राप्त कर लेंगे।
फिर हमने इंसान “दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कृति” बनकर क्या किया? पूरा जीवन हमने काम, क्रोध , लोभ, नशा, इर्ष्या और अय्याशी के चक्कर में फंसकर गँवा दिया.